अमीन सयानी का नाम भारत में रेडियो के इतिहास में सुनहरा अध्याय लिखता है। उनकी मखमली आवाज़ ने ना सिर्फ लोगों का मनोरंजन किया, बल्कि उन्हें सुकून और खुशी भी दी। उनकी जीवनी एक प्रेरणादायक कहानी है, चलिए जानते हैं Ameen Sayani Biography in Hindi के बारे में!
Ameen Sayani Biography in Hindi
नाम | अमीन सयानी |
जन्म | 21 दिसंबर, 1932 |
जन्मस्थान | मुंबई, भारत |
मृत्यु | 20 फरवरी, 2024 |
मृत्यु का कारण | दिल का दौरा |
पेशा | रेडियो उद्घोषक, निर्माता, लेखक |
शिक्षा | सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई |
प्रसिद्ध कार्यक्रम | बिनाका गीतमाला, संगीत सभा, आवाज़ की दुनिया, और भी कुछ, अमीन सयानी के साथ |
पुरस्कार | पद्म श्री (1972), पद्म भूषण (1991) |
उपलब्धियां | 50+ वर्षों का रेडियो करियर, 19,000+ जिंगल्स, 54,000+ रेडियो कार्यक्रम |
अमीन सयानी का करियर (Career)
अमीन सयानी का करियर रेडियो के इतिहास में सबसे लंबे और सबसे सफल करियर में से एक था। उन्होंने 50 से अधिक वर्षों तक रेडियो में काम किया और लाखों श्रोताओं के दिलों में जगह बनाई।
शुरुआती करियर:
- अमीन सयानी ने 1951 में All India Radio (एआईआर) में अपना करियर शुरू किया।
- उन्होंने एआईआर के लिए कई कार्यक्रमों का निर्माण और प्रस्तुतीकरण किया।
- 1952 में, उन्हें रेडियो सिलोन (अब श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन) में शामिल होने का अवसर मिला।
बिनाका गीतमाला (Binaca Geetmala)
- Ameen Sayani Radio Ceylon पर प्रसारित होने वाले लोकप्रिय कार्यक्रम “बिनाका गीतमाला” के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं।
- यह कार्यक्रम 1952 से 1998 तक चला और पूरे भारत में मशहूर हो गया।
- “बिनाका गीतमाला” में, अमीन सयानी हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय गीतों को बजाते थे और उनके बारे में जानकारी देते थे।
- उनके मधुर स्वर और मनमोहक अंदाज़ ने इस कार्यक्रम को लाखों श्रोताओं का पसंदीदा बना दिया।
शुरुआती जीवन और रेडियो से जुड़ाव:
- अमीन सयानी का जन्म 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में हुआ था।
- उनका परिवार स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा था और उनके बड़े भाई हामिद सयानी भी एक प्रसिद्ध रेडियो ब्रॉडकास्टर थे।
- अमीन सयानी बचपन से ही रेडियो के प्रति आकर्षित थे और सिर्फ 7 साल की उम्र में ही अपने भाई के साथ रेडियो स्टूडियो का दौरा कर चुके थे।
- उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से पढ़ाई की और कॉलेज के म्यूजिकल कार्यक्रमों में रिकॉर्डिंग करके रेडियो की दुनिया में कदम रखा।
अन्य कार्यक्रम:
- “बिनाका गीतमाला” के अलावा, अमीन सयानी ने रेडियो सिलोन पर कई अन्य कार्यक्रमों का भी निर्माण और प्रस्तुतीकरण किया।
- इन कार्यक्रमों में “संगीत सभा”, “आवाज़ की दुनिया”, “और भी कुछ” और “अमीन सयानी के साथ” शामिल थे।
पुरस्कार और सम्मान:
- अमीन सयानी को उनके रेडियो योगदान के लिए कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया।
- उन्हें 1972 में पद्म श्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- उन्हें 2007 में “बिनाका गीतमाला” में उनके योगदान के लिए “लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” से भी सम्मानित किया गया।
अन्य उपलब्धियां:
- अमीन सयानी ने रेडियो नाटक, विज्ञापन, फिल्मों में गीतों के वर्णन और डॉक्यूमेंट्री के लिए आवाज दी।
- उन्हें पद्म भूषण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
- उन्होंने 54,000 से अधिक रेडियो कार्यक्रम और 19,000 से अधिक जिंगल्स किए, जो एक रिकॉर्ड है।
Ameen Sayani Death News (मृत्यु)
दुखद समाचार है कि प्रसिद्ध रेडियो उद्घोषक और “बिनाका गीतमाला” के होस्ट अमीन सयानी का 20 फरवरी, 2024 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे।
उनकी मधुर आवाज़ और मनमोहक अंदाज़ ने लाखों श्रोताओं के दिलों को छू लिया। 50 से अधिक वर्षों तक रेडियो में काम करने के दौरान उन्होंने हजारों कार्यक्रमों का निर्माण और प्रस्तुतीकरण किया। “बिनाका गीतमाला” के अलावा, वे “संगीत सभा”, “आवाज़ की दुनिया”, “और भी कुछ”, और “अमीन सयानी के साथ” जैसे लोकप्रिय कार्यक्रमों के लिए भी जाने जाते थे।
उन्हें उनके रेडियो योगदान के लिए पद्म श्री और पद्म भूषण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। अमीन सयानी जी का जाना रेडियो जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी विरासत और यादें हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी।
FAQ.
अमीन सयानी को सबसे ज्यादा किस लिए जाना जाता है?
अमीन सयानी को सबसे ज्यादा रेडियो सिलोन के लोकप्रिय कार्यक्रम “बिनाका गीतमाला” के होस्ट के रूप में जाना जाता है। यह कार्यक्रम पूरे भारत में मशहूर हुआ और उन्होंने हिंदी फिल्म संगीत को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अमीन सयानी का रेडियो सफर कब शुरू हुआ और कब तक चला?
उन्होंने 1951 में ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) में अपना करियर शुरू किया और 50 से अधिक वर्षों तक रेडियो में काम किया।
बिनाका गीतमाला” के अलावा उन्होंने किन लोकप्रिय कार्यक्रमों का निर्माण और प्रस्तुतीकरण किया?
संगीत सभा”, “आवाज़ की दुनिया”, “और भी कुछ”, और “अमीन सयानी के साथ” जैसे लोकप्रिय कार्यक्रमों के लिए भी उन्हें जाना जाता था।
उन्हें किन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया?
उनके रेडियो योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री (1972) और पद्म भूषण (1991) सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
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