S Somanath Biography in Hindi: भारत के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक और इसरो चीफ़ एस. सोमनाथ को कौन नहीं जानता? हर भारतीय उनको सम्मान की दृष्टि से देखता है| परंतु आजकल भारतीय दुखी हैं जबसे उन्हें पता लगा है कि उनके प्रिय अंतरिक्ष वैज्ञानिक, उनके हीरो कैंसर जैसी भयानक बीमारी से जूझ रहे हैं| आज हम आपके इस प्रिय व्यक्तित्व के बारे में सब कुछ बताने जा रहे हैं|
एस. सोमनाथ का जन्मदिन एवं परिवार
एस. सोमनाथ का पूरा नाम श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ है| वे एक एरोस्पेस इंजीनियर और रॉकेट टेक्नोलॉजिस्ट हैं| एस. सोमनाथ का जन्म केरल के आरूर अलपपुझा में जुलाई 1963 को हुआ था| इनके पिता वेदमपरमबिल श्रीधर पन्निकर हिंदी के अध्यापक थे| इनकी माता का नाम थनकम्मा है| इनकी पत्नी वलसाला मिनीस्ट्री ऑफ फाइनेंस के अंतर्गत जीएसटी डिपार्टमेंट में काम करती हैं| इनके एक बेटा माधव और एक बेटी मालिका हैं| दोनों ही बच्चों ने इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है|
S Somanath Biography in Hindi
पूरा नाम | श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ |
जन्म दिवस | जुलाई 1963 |
आयु | लगभग 60 साल |
जन्म स्थान | आरूर अलपपुझा, केरल |
पिता का नाम | वेदमपरमबिल श्रीधर पन्निकर |
माता का नाम | थनकम्मा |
पत्नी का नाम | वलसाला |
संतान | बेटा-माधव, बेटी- मालिका |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
स्कूली शिक्षा | सेंट अगसतीं हाई स्कूल मास्टर डिग्री टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कक्लिन, केरल विश्व विद्यालय एरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलौर |
धर्म | सनातन (हिन्दू) |
लंबाई | फीट 8 इंच |
वज़न | 82 किलो |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
एस. सोमनाथ की शिक्षा और योग्यताएँ
श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ उच्च शिक्षित व्यक्ति हैं|विज्ञान के प्रति इनकी रुचि को देखते हुए इनके पिता ने बचपन में ही इनको मलयालम और अंग्रेजी की कई पुस्तकें लाकर दी थीं| इन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई सेंट अगस्टिन हाई स्कूल से की| स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मैकेनिकल में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री ली|
इसके बाद इन्होंने मास्टर इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की| एक कदम और बढ़ाते हुए इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की| एस. सोमनाथ को व्हीकल स्ट्रक्चर सिस्टम को लॉन्च करने में महारत हासिल है| इसके अतिरिक्त वे स्ट्रक्चरल डायनेमिक, मेकैनिज़्म और व्हीकल इन्टीग्रेशन को लॉन्च करने में भी दक्ष हैं|
एस. सोमनाथ का करियर (Career)
एस. सोमनाथ के करियर की बात करें तो उनकी यह यात्रा तब शुरू हुई जब 1985 में वे भारतीय अनुसंधान संगठन (इसरो) का हिस्सा बने और तभी से वे लगातार किसी न किसी महत्त्वपूर्ण पद को संभालते रहे|
उन्होंने प्रारम्भिक चरणों में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) परियोजना में शामिल होकर अपना करियर शुरू किया| पीएसएलवी के लिए परियोजना प्रबंधक के रूप में और अन्य महत्त्वपूर्ण प्रक्षेपण वाहनों को विकसित करने में योगदान देकर उन्होंने अपनी नेतृत्व और तकनीकी योग्यता का परिचय दिया|
उन्होंने अपने बहुमुखी कौशल और विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए लिक्विड प्रॉपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) और विक्रम साराभाई सेंटर में प्रमुख पदों पर कार्य करके कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया| उन्होंने स्ट्रक्चर्स एंटिटी/ प्रॉपल्शन एंड स्पेस ऑर्डिनेंस एंटिटी के उपनिदेशक के पद पर भी कार्य किया| जून 2015 में उन्होंने एलपीएससी के निदेशक के रूप में लॉन्च वाहनों और अंतरिक्ष यान के लिए महत्त्वपूर्ण लिक्विड प्रॉपल्शन सिस्टम के डिजाइन और कार्यान्वयन की देखरेख की|
जियोसिंक्रोनस सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी एमके-III) के परियोजना निदेशक के रूप में अपना योगदान देकर उन्होंने अंतरिक्ष में भारी पेलोड लॉन्च करने में भारत की क्षमताओं को बढ़ाया|
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के रूप में भी उन्होंने प्रक्षेपण यान डिजाइन और कार्यान्वयन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया|
एस. सोमनाथ इसरो अध्यक्ष के रूप में एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी, 2022 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण किया| इसके साथ ही वे इस पद को संभालने वाले 10 वें व्यक्ति और केरल के पहले व्यक्ति बन गए|
एस. सोमनाथ एक ऐसे एयरोस्पेस इंजीनियर हैं जिन्हें इस क्षेत्र में कार्य करने का 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है| इसरो अध्यक्ष के पद पर कार्य करते हुए उनकी अहम ज़िम्मेदारी इस संगठन के आगामी चरणों में विकास के पथ पर अग्रसर करना है| इसीलिए उन्होंने नई प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने और इस संगठन की वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने पर पूरा-पूरा ध्यान केंद्रित किया है|
चंद्रयान-3 और एस. सोमनाथ
एस. सोमनाथ के इसरो का अध्यक्ष पद संभालने के बाद उनका सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान भारत के चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3 के विकास में उनकी भागेदारी है| एस. सोमनाथ एक दूरदर्शी, कर्मठ और निपुण अंतरिक्ष वैज्ञानिक के रूप में इस मिशन के पीछे प्रेरक शक्ति के रूप में कार्यरत रहे|
अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण 14 जुलाई, 2023 को हुआ और 23 अगस्त, 2023 को इस यान ने उल्लेखनीय सफल लैंडिंग कर सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को प्राप्त किया| इसके अतिरिक्त उनके नेतृत्व में अन्य मिशनों को गति देने का प्रयास किया गया है| जिनमें गगनयान और आदित्य-एल-1 सुर मिशन शामिल हैं|
एस. सोमनाथ पुरस्कार और सम्मान
अपने कुशल नेतृत्व और अद्वितीय कौशल के लिए उन्हें बहुत सारे पुरस्कार और सम्मान प्राप्त होते रहे हैं| उन्हें ‘एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के द्वारा स्पेस गोल्ड मेडल प्रदत्त किया गया| इसके अतिरिक्त उन्हें इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग ने भी सम्मान प्रदान किया| वर्ष 2014 में उन्हें परफ़ोर्मेंस एक्सीलेंस अवार्ड और टीम एक्सीलेंस अवार्ड भी दिए गए|
इसके अतिरिक्त उन्हें 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया| उन्हें उनके योगदान के लिए 2021 में शांतिस्वरूप भटनागर पुरस्कार, 2020 में डी. एस. कोठारी पुरस्कार और 2019 में इसरो वैज्ञानिक पुरस्कार भी मिल चुके हैं| एस. सोमनाथ की कुल संपत्ति अपने परिश्रम और समर्पण से इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाईजेशन की सेवाओं से उन्होंने अच्छी कमाई भी की है|
प्राप्त जानकारियों के आधार पर उनकी कुल कमाई 3 से 5 करोड़ रुपये के लगभग है| परंतु फिर भी एस. सोमनाथ बहुत ही सादगी से रहते हैं| उनका मासिक वेतन 2.25 लाख रुपए है| हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं|
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