Justice Gita Gopi Biography: 24 मार्च 1966 को नवसारी में जन्म। सर केपी कॉलेज ऑफ कॉमर्स, सूरत से वाणिज्य विषयों में स्नातक किया। दिनशॉ डब्बू लॉ कॉलेज, नवसारी से कानून में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। जनवरी 1993 से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री केपी देसाई के चेंबर में शामिल होकर जिला न्यायालय, नवसारी में प्रैक्टिस शुरू की। लगभग तेरह वर्षों तक दिनशॉ डब्बू लॉ कॉलेज, नवसारी में अंशकालिक व्याख्याता के रूप में सेवा की।
कौन हैं गीता गोपी?
दिनांक 24.11.2008 को न्यायपालिका में सीधे जिला न्यायाधीश के संवर्ग में शामिल हुए तथा अनेक दीवानी एवं फौजदारी मामलों की अध्यक्षता की। विशेष न्यायाधीश के रूप में सीबीआई और पोटा न्यायालयों की अध्यक्षता की और कई महत्वपूर्ण मामलों का संचालन किया। 2014 में रजिस्ट्रार के रूप में गुजरात के उच्च न्यायालय में भी प्रतिनियुक्त किया गया था। 03 मार्च 2020 को – गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुई।
Justice Gita Gopi Biography
नाम | गीता गोपी |
जन्म | 24 मार्च 1966 |
पद | गुजरात के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश |
जन्म स्थान | नवसारी, गुजरात |
ज्वाइन डेट | 03/03/2020 |
रिटायरमेंट डेट | 23/03/2028 |
शिक्षा | दिनशॉ डब्बू लॉ कॉलेज, नवसारी |
क्या है राहुल गांधी का विवाद?
चंपानेरी अदालत में राहुल गाँधी के आपराधिक मानहानि केस में अपील की सुनवाई से खुद को अलग करने वाली गीता गोपी कौन हैं यह आज सब जानना चाहते हैं| गीता गोपी का जन्म गुजरात के नवसारी में 24 मार्च 1966 को हुआ था| उन्होंने सूरत के सर के. पी. कॉलेज से बी. कॉम की परीक्षा उत्तीर्ण की और उसके बाद दिनशॉ डब्बू लॉ कॉलेज, नवसारी (गुजरात) से कानून की पढ़ाई की| इसके बाद जनवरी 1993 से नवसारी जिला अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता के. पी. देसाई के निर्देशन में वकालत करना प्रारंभ किया| इसी समय उन्होंने लगभग तेरह वर्षों तक दिनशॉ डब्बू लॉ कॉलेज में अंशकालिक लेक्चरर के रूप में अपनी सेवाएँ प्रदान कीं|
गीता गोपी 24 नवंबर 2008 को न्यायपालिका में सीधे जिला न्यायाधीश के कैडर में सम्मिलित हुईं| इसके अतिरिक्त वह CBI और POTA में विशेष न्यायाधीश के तौर पर भी कार्यरत रहीं| वर्ष 2014 में उन्हें गुजरात हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया| 3 मार्च, 2020 को उन्हें गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नत कर दिया गया| न्यायधीश गीता गोपी का कार्यकाल 28 मार्च 2028 तक शेष है|
राहुल गाँधी के मोदी सरनेम मानहानि मामले में सुनवाई के दौरान उन्होंने ‘नॉट बिफॉर मी’ कहकर स्वयं को इस केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया| अब यह मामला कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री ए. जे. देसाई के समक्ष रखा जाएगा और वे इस मामले को किसी दूसरी पीठ को सौंपेंगे|
दरअसल मोदी सरनेम मानहानि मामले में कॉंग्रेस नेता राहुल गाँधी को सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है| यद्यपि अदालत ने उन्हें तुरंत ही जमानत दे दी थी और 30 दिनों के लिए उनकी सजा को निलंबित कर दिया था ताकि वे इस बीच ऊपरी अदालत में अपील कर सकें| इसके बाद 3 अप्रैल को राहुल गाँधी ने अपनी सजा के आदेश को सूरत सेशन कोर्ट में चुनौती दी| और अपनी सज़ा पर रोक लगाने की अर्जी दायर की|
लेकिन इस अदालत ने भी उन पर लगे आरोपों को जस के तस बरकरार रखते हुए उनकी दोषसिद्धी पर रोक लगाने वाले आवेदन को 20 अप्रैल को खारिज कर दिया| इसके बाद इस आदेश को चुनौती देते हुए गुजरात हाई कोर्ट में 25 अप्रैल को आपराधिक रिवीजन पिटीशन दायर की है जिसकी सुनवाई न्यायाधीश गीता गोपी को करनी थी|
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