गुजरात दंगों का शिकार, बिलकिस बानो ने अकल्पनीय दुःख सहा – परिवार का नरसंहार, बलात्कार, बेहोशी। पर हिम्मत नहीं हारी। 17 साल की कठिन कानूनी लड़ाई के बाद दोषियों को सजा, पर रिहाई से फिर ज़ख्म. हार न मानते हुए न्याय की जंग जारी. साहस और संघर्ष की ये गाथा, समाज के लिए मिसाल बनी बिलकिस बानो.
Bilkis Bano Biography in Hindi
असली (Name ) | बिलकिस बानो |
अन्य नाम (Other Name ) | बिलकिस दादी और दबंग दादी |
प्रसिद्धि (Famous For ) | टाइम मैगजीन की ‘2020 के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों’ की सूची में शामिल |
जन्म तारीख (Date of birth) | साल 1938 |
जन्म स्थान (Place of born ) | हापुड़, उत्तर प्रदेश |
उम्र( Age) | 84 वर्ष ( साल 2022 ) |
गृहनगर (Hometown ) | हापुड़, उत्तर प्रदेश |
धर्म (Religion) | इस्लाम |
आँखों का रंग (Eye Color) | काला |
बालो का रंग (Hair Color ) | सफ़ेद |
नागरिकता(Nationality) | भारतीय |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहिक |
बिलकिस बानोः अदम्य साहस की कहानी
बिलकिस बानो का नाम उन महिलाओं में शुमार है, जिन्होंने अथाह कष्ट सहे, लेकिन हार नहीं मानी। उनके जीवन की कहानी गुजरात में वर्ष 2002 के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगों की जघन्य घटनाओं की याद दिलाती है, साथ ही यह अडिग साहस और न्यायप्राप्ति के संघर्ष का प्रतीक भी है।
दंगों की काली छाया
बिलकिस बानो गुजरात के दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव की रहने वाली साधारण महिला थीं। 2002 के दंगों के दौरान, जब हिंसा ने पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लिया, बिलकिस का परिवार भी उस आग में झुलस गया। गर्भवती बिलकिस और उनका 15 सदस्यों का परिवार सुरक्षित ठिकाने की तलाश में भटक रहा था। 3 मार्च को छप्परबाड़ गांव के पास एक भीड़ ने उनके काफिले पर हमला कर दिया।
असहनीय दर्द और अडिग इरादा
इस भीड़ ने बिलकिस के परिवार पर क्रूर हमला किया। सात परिजनों की निर्मम हत्या कर दी गई, उनकी छोटी बेटी को भी मार डाला गया, और बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। अथाह पीड़ा सहने के बाद भी बिलकिस हिम्मत नहीं हारी। बेहोशी की हालत में उन्हें एक आदिवासी महिला ने कपड़े दिए और वह लिमखेड़ा पुलिस स्टेशन पहुंचीं। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
लंबी कानूनी लड़ाई और न्याय का मिलना
बिलकिस ने अन्याय के खिलाफ लड़ाई का निर्णय लिया। 17 साल के लंबे और कठिन संघर्ष के बाद, वर्ष 2019 में मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
न्याय के बाद भी मुश्किलें
लेकिन 2022 में एक चौंकाने वाले फैसले में गुजरात सरकार ने 11 में से एक दोषी को समयपूर्व रिहाई दे दी। इसके बाद बाकी 10 दोषियों को भी रिहा कर दिया गया। इस निर्णय के बाद बिलकिस ने अदालत में अपील की, जिस पर सुनवाई अभी जारी है।
साहस की प्रतीक
बिलकिस बानो के जीवन की कहानी हमें याद दिलाती है कि अंधकार कितना भी घना क्यों न हो, न्याय का दीप कभी बुझता नहीं है। उनके संघर्ष और साहस से देशभर की महिलाओं को प्रेरणा मिलती है।
उनकी कहानी सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने और अन्याय के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देती है।यह आशा की जाती है कि अंत में बिलकिस को हक़ीक़ी न्याय मिलेगा और उनके द्वारा झेले गए कष्ट का भविष्य में किसी को सामना न करना पड़े।
अतिरिक्त जानकारी
- आप बिलकिस बानो के मामले के बारे में अधिक जानकारी के लिए ऑनलाइन समाचार लेख और वृत्तचित्र देख सकते हैं।
- बिलकिस बानो की बहादुरी पर आधारित कई किताबें और फिल्में भी बनी हैं।
बिलकिस बानो को मिले सम्मान
- 23 सितंबर 2020 को, उन्हें टाइम पत्रिका की टाइम 100 में 2020 में आइकन श्रेणी में 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया गया था।
- पत्रकार और लेखक राणा अय्यूब ने अपने प्रोफाइल में उन्हें ‘हाशिए के लोगों की आवाज’ बताया।
- नवंबर 2020 में, बीबीसी ने 2020 के लिए दुनिया भर की 100 प्रेरक और प्रभावशाली महिलाओं की सूची में बिलकिस दादी को सूचीबद्ध किया। बीबीसी ने उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया “महिलाओं को अपने घरों से बाहर निकलने और अपनी आवाज़ उठाने के लिए सशक्त महसूस करना चाहिए।
- उन्हें द मुस्लिम 500: द वर्ल्ड्स 500 मोस्ट इन्फ्लुएंशियल मुस्लिम के 2021 संस्करण में चित्रित किया गया था, जिसने उन्हें “वूमन ऑफ द ईयर” का नाम दिया था।
FAQ.
कौन हैं बिलकिस बानो?
बिलकिस बानो गुजरात के दाहोद जिले की एक महिला हैं, जिनके साथ 2002 के दंगों के दौरान क्रूर हमला हुआ था।
उनके साथ क्या हुआ था?
दंगों के दौरान भीड़ ने उनके परिवार पर हमला किया। उनके कई परिजनों की हत्या हुई और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ।
क्या दोषियों को सजा मिली?
जी हां। 17 साल के लंबे संघर्ष के बाद 2019 में 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिली।
फिर सुर्खियों में क्यों आईं?
2022 में गुजरात सरकार ने एक दोषी को समयपूर्व रिहाई दे दी, फिर बाकी 10 को भी। इससे देशभर में विरोध हुआ और बिलकिस ने कोर्ट में अपील की।
मामले की वर्तमान स्थिति क्या है?
दोषियों की समयपूर्व रिहाई के खिलाफ बिलकिस की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
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