अहिल्या बाई की जीवनी | Ahilyabai Holkar Jeevan Parichay, BioGraphy

अहिल्या बाई की जीवनी, जयंती, माहिती, कार्य, इतिहास, निबंध, भाषण, जन्म स्थान, वंशज, कहानी, समाधि, हवाईअड्डा (Ahilyabai Holkar Biography in Hindi) (Husban Name, Story, Serial Cast, Son, Foundation)

अहिल्या बाई की जीवनी

अहिल्याबाई होल्कर, मराठा साम्राज्य की एक महिला तथा इतिहास-प्रसिद्ध सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खण्डेराव की धर्मपत्नी थीं। उन्होने माहेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया।

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अहिल्या बाई होल्कर की कहानी जीवन परिचय (Ahilyabai Holkar Biography)

पूरा नामअहिल्याबाई खांडेराव होल्कर (पुण्यश्लोक)
जन्म स्थानचौंढी गाँव, अहमदनगर, महाराष्ट्र 
जन्म तारीख31 मई 1725
धर्महिन्दू
राजवंशमराठा साम्राज्य
पिता का नाममान्कोजी शिंदे
माता का नामसुशीला शिंदे

अहिल्या बाई की जीवनी (जन्म और प्रारंभिक जीवन)

अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के वर्तमान अहमदनगर जिले के चौंडी गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम मनकोजी शिंदे और माता का नाम सुशीलाबाई था। अहिल्याबाई का बचपन गरीबी और कठिनाइयों में बीता। उन्होंने बचपन से ही कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई की।

विवाह

अहिल्याबाई का विवाह 1733 में खंडेराव होलकर से हुआ। खंडेराव होलकर मल्हारराव होलकर के पुत्र थे। मल्हारराव होलकर उस समय मराठा साम्राज्य के एक शक्तिशाली सूबेदार थे। खंडेराव होलकर भी एक साहसी और कुशल सैनिक थे।

पति का नामखण्डेराव होलकर
विवाह कब हुआ1733 ई.
पुत्र व पुत्री का नाममालेराव और मुक्ताबाई
राजवंशमराठा साम्रज्य

राजगद्दी संभाली

1754 में मल्हारराव होलकर की मृत्यु हो गई। उनके बाद खंडेराव होलकर ने मराठा साम्राज्य के सूबेदार का पद संभाला। लेकिन 1754 में ही खंडेराव होलकर की भी मृत्यु हो गई। खंडेराव होलकर की मृत्यु के बाद उनके पुत्र मालेराव होलकर ने मराठा साम्राज्य के सूबेदार का पद संभाला। लेकिन मालेराव होलकर की भी 1766 में मृत्यु हो गई।

रानी अहिल्याबाई

मालेराव होलकर की मृत्यु के बाद अहिल्याबाई ने अपने पुत्र के नाबालिग होने के कारण राज्य की बागडोर संभाली। अहिल्याबाई ने एक कुशल और दयालु शासक के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने अपने राज्य में शांति और समृद्धि स्थापित की।

सामाजिक कार्य

अहिल्याबाई एक धार्मिक और परोपकारी महिला थीं। उन्होंने अपने राज्य में कई मंदिर, धर्मशालाएं, कुएं और बावड़ी बनवाईं। उन्होंने अपने राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

मृत्यु

अहिल्याबाई का 13 अगस्त 1795 को इंदौर में निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र माधवराव होलकर ने मराठा साम्राज्य के सूबेदार का पद संभाला। उनकी मृत्यु के बाद आज भी उन्हें अपने अच्छे कार्यों के कारण माता के रूप में पूजा जाता है. उन्हें देवी का अवतार कहा जाता है.

अहिल्याबाई होल्कर की मृत्यु13 अगस्त 1795 ई.
मृत्यु स्थलइंदौर
मृत्यु के समय उनकी आयु  70 वर्ष

अहिल्याबाई के योगदान

अहिल्याबाई एक महान शासक, समाजसेवी और धार्मिक व्यक्तित्व थीं। उन्होंने अपने राज्य में शांति, समृद्धि और धार्मिक सद्भाव स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है।

अहिल्याबाई के तीन गुण

अहिल्याबाई के तीन गुण निम्नलिखित हैं:

  • बुद्धिमत्ता और दयालुता: अहिल्याबाई एक बुद्धिमान और दयालु महिला थीं। उन्होंने अपने राज्य में शांति और समृद्धि स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत की।
  • साहस और नेतृत्व: अहिल्याबाई एक साहसी और कुशल नेता थीं। उन्होंने अपने राज्य को कई चुनौतियों से बचाया।
  • धर्म और परोपकार: अहिल्याबाई एक धार्मिक और परोपकारी महिला थीं। उन्होंने अपने राज्य में कई मंदिर, धर्मशालाएं और कुएं बनवाए।

अहिल्याबाई की याद में

  • भारत सरकार ने अहिल्याबाई होल्कर को 1975 में भारत रत्न से सम्मानित किया।
  • इंदौर में एक विश्वविद्यालय का नाम “देवी अहिल्या विश्वविद्यालय” रखा गया है।
  • अहिल्याबाई के जीवन पर कई फिल्में और धारावाहिक बनाई गई हैं।

अहिल्याबाई होल्कर एक महान शासक, समाजसेवी और धार्मिक व्यक्तित्व थीं। उन्होंने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल कीं। उनकी उपलब्धियां आज भी हमें प्रेरित करती हैं।

अहिल्याबाई होलकर के बारे में 10 महत्वपूर्ण तथ्य

  1. जन्म और प्रारंभिक जीवन: अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के वर्तमान अहमदनगर जिले के चौंडी गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम मनकोजी शिंदे और माता का नाम सुशीलाबाई था। अहिल्याबाई का बचपन गरीबी और कठिनाइयों में बीता। उन्होंने बचपन से ही कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई की।
  2. विवाह: अहिल्याबाई का विवाह 1733 में खंडेराव होलकर से हुआ। खंडेराव होलकर मल्हारराव होलकर के पुत्र थे। मल्हारराव होलकर उस समय मराठा साम्राज्य के एक शक्तिशाली सूबेदार थे। खंडेराव होलकर भी एक साहसी और कुशल सैनिक थे।
  3. राजगद्दी संभाली: 1754 में मल्हारराव होलकर की मृत्यु हो गई। उनके बाद खंडेराव होलकर ने मराठा साम्राज्य के सूबेदार का पद संभाला। लेकिन 1754 में ही खंडेराव होलकर की भी मृत्यु हो गई। खंडेराव होलकर की मृत्यु के बाद उनके पुत्र मालेराव होलकर ने मराठा साम्राज्य के सूबेदार का पद संभाला। लेकिन मालेराव होलकर की भी 1766 में मृत्यु हो गई।
  4. रानी अहिल्याबाई: मालेराव होलकर की मृत्यु के बाद अहिल्याबाई ने अपने पुत्र के नाबालिग होने के कारण राज्य की बागडोर संभाली। अहिल्याबाई ने एक कुशल और दयालु शासक के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने अपने राज्य में शांति और समृद्धि स्थापित की।
  5. सामाजिक कार्य: अहिल्याबाई एक धार्मिक और परोपकारी महिला थीं। उन्होंने अपने राज्य में कई मंदिर, धर्मशालाएं, कुएं और बावड़ी बनवाईं। उन्होंने अपने राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  6. मृत्यु: अहिल्याबाई का 13 अगस्त 1795 को इंदौर में निधन हो गया। उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र माधवराव होलकर ने मराठा साम्राज्य के सूबेदार का पद संभाला।
  7. योगदान: अहिल्याबाई एक महान शासक, समाजसेवी और धार्मिक व्यक्तित्व थीं। उन्होंने अपने राज्य में शांति, समृद्धि और धार्मिक सद्भाव स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है।
  8. सम्मान: भारत सरकार ने अहिल्याबाई होलकर को 1975 में भारत रत्न से सम्मानित किया।
  9. यादगार: इंदौर में एक विश्वविद्यालय का नाम “देवी अहिल्या विश्वविद्यालय” रखा गया है। अहिल्याबाई के जीवन पर कई फिल्में और धारावाहिक बनाई गई हैं।
  10. प्रेरणा: अहिल्याबाई होलकर एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व थीं। उन्होंने अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी उपलब्धियां आज भी हमें प्रेरित करती हैं।

FAQ.

1. अहिल्याबाई का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के वर्तमान अहमदनगर जिले के चौंडी गाँव में हुआ था।

2. अहिल्याबाई की शादी कब और किससे हुई थी?

अहिल्याबाई की शादी 1733 में खंडेराव होलकर से हुई थी। खंडेराव होलकर मल्हारराव होलकर के पुत्र थे।

3. अहिल्याबाई ने मराठा साम्राज्य की राजगद्दी कब संभाली?

अहिल्याबाई ने अपने पुत्र माधवराव होलकर के नाबालिग होने के कारण 1766 में मराठा साम्राज्य की राजगद्दी संभाली।

4. अहिल्याबाई ने अपने राज्य में क्या-क्या कार्य किए?

अहिल्याबाई ने अपने राज्य में शांति और समृद्धि स्थापित करने के लिए कई कार्य किए। उन्होंने सड़कों, बावड़ियों, कुओं, मंदिरों, धर्मशालाओं और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण कराया। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

5. अहिल्याबाई की मृत्यु कब हुई?

अहिल्याबाई की मृत्यु 13 अगस्त 1795 को इंदौर में हुई।

6. अहिल्याबाई को किस-किस सम्मान से सम्मानित किया गया?

भारत सरकार ने अहिल्याबाई होलकर को 1975 में भारत रत्न से सम्मानित किया।

7. अहिल्याबाई के बारे में कौन सी फिल्में और धारावाहिक बनाई गई हैं?

अहिल्याबाई के जीवन पर कई फिल्में और धारावाहिक बनाई गई हैं, जिनमें “माँ अहिल्या” (1960), “अहिल्या” (1970), “अहिल्याबाई होलकर” (2002) और “देवी अहिल्या” (2003) शामिल हैं।
अहिल्याबाई होलकर एक महान शासक, समाजसेवी और धार्मिक व्यक्तित्व थीं। उन्होंने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल कीं। उनकी उपलब्धियां आज भी हमें प्रेरित करती हैं।

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