खास बातें नाम : आनंद मोहन सिंग जनम दि : 28 जनवरी 1954 आयु 66 वर्षे ठिकाण : सहरसा पत्नी : लवली आनंद संतान : चेतन आनंद, सूरभि आनंद, अंशूमान आनंद व्यावसाय : राजनेता, कवि, लेखक
प्रारंभिक जिवनी : आनंद मोहन सिंग का जन्म 28 जनवरी 1954 को बिहार के सहरसा जिेले के पचगछिया गाँव मे हुआ था | वे भारतीय स्वतंत्रता सेनानी राम बहादूर सिंग के पोते है | उनका राजनितिमे पश्चिय जयप्रकाश नारायण के सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन से जुडने के माघ्याम से हुआ |
कार्य : आनंद मोहन सिंह एक राजनेता एक लेखक कवी भी है और अबदलबदलू बिहार पीपुल्सा पार्टी बीपीपी के संस्थापक थे | सिंह ने अपने तरीकेां का कोई रहस्या नही बनाया है | जो कम से कम 1978 से जाँच के अधीन है | यह उस समय के आसपास था, जब उन्होंने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के खिलाफ काले झंडे लहराते हुए विरोध किया था
जब मंडल आयोग के समर्थन मे जेडी खूद को जोडते हुए दिखाई दिए | जिसने आरक्षण प्रणाली को और विस्तार देने का प्रस्ताव रखा, तो सिंह ने अलग होने का फैसला किया | 1993 मे उन्होंने बीपीपी की स्थापना की और 1995 के रा्जय विधानसभा चुनावों मे व्याक्तिगत रुप से चुनाव लडा और हार गए | बीपीपी बाद मे समता पार्टी मे शामिल हो गया
Anand Mohan Singh वैसे तो बिहार की राजनीति में कई नेता ऐसे हुए जिन्होंने अपने माफिया रूतूबे की वजह से अपनी पहचान बनाई। उन्हीं नेताओं की लिस्ट में से एक नाम बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह का भी है। जो किसी परिचय के मोहताज नहीं है।
पूस्तके : उन्होंने कैद रहते हुए दो कविताओं की कविताएँ लिखी है 1) कैद मेई आजाद कलाम कलम सलाखों के पिछे 2011 2) स्वाधीन अभिवाणी 2014